घनश्याम दास बिड़ला, बिड़ला ग्रुप के संस्थापक। |
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घनश्याम दास बिड़ला (Ghanshyam das Birla), बिड़ला ग्रुप के संस्थापक थे। वर्तमान में इसका नाम आदित्य बिड़ला ग्रुप हे। घनश्याम दास बिड़ला का जन्म सन 11 अप्रेल 1894 ग्राम पिलानी राजस्थान में हुआ था। इन के पिता का नाम बलदेवदास बिड़ला था। इनके पिता की चार संतान जुगल किशोर बिड़ला, रामेश्वरदास बिड़ला, घनश्याम दास, ब्रजमोहन दास बिड़ला थी। इनकी माता का नाम योगेश्वरी देवी था। घनश्याम दास मात्र 14 वर्ष की आयु से ही अपनी सामान्य शिक्षा पूरी कर वे अपने खानदानी व्यावसाय में योगदान देने लगे।आईडिया (Idea), हिंडालको(Hindalco), और भी कई कंपनिया सव्मित्व में हे। इस बिड़ला ग्रुप का करोबार 20 से अधिक देशो में फेला हे। जिसमे घनश्याम दास का विशेष योग दान रहा। घनश्याम दास बिड़ला भारतीय अर्थव्वस्था के सूत्रधार थे। भारतीय अर्थव्वस्था को प्रगति के पथ पर अग्रसर करने के लिए उनका नाम स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हे। घनश्याम दास बिड़ला कभी भी उपलब्धियो से संतुष्ट नहीं होते थे। एक लक्ष्य को प्राप्त कर अगले के लिए अग्रसर हो जाते थे। वे सदेव आत्म प्रसंसा के खिलाफ थे।
इसलिए उन्होंने अपनी जीवनी पर कभी सहमती नहीं दी। वेसे उन्होंने अपने को कई बार अभिव्यक्त किया जिसका उलेख उनके दवारा लिखे पत्र पत्रिकाओ और भाषण में मिलता हे। जिसमे उनके जीवन दर्शन की झलक मिलती हे। जिससे उनके जीवन की काफी जानकारी मिलती हे। उनके दवारा कियो गए 60 साल के लगतार प्रयासों के कारणों ही 20 सदी में आधुनिक भारत की नीव पड़ी। जब देश आजादी के लिए संघर्ष कर रहा था। तब भी ब्रिटिश सरकार के अधिकारी विस्टन चर्चिल भी भारत में सवेधानिक शासन व्यवस्था के लिए उनसे परामर्श लेते थे।
उनके दवारा ही भारत में पूंजीवादी व्यवस्था की नीव पड़ी। आजादी के बाद उन्होंने देश के उधोग के विकास, कला, संस्कृति, तकनिकी, प्रोधोयोगिकी, शिल्पकला, राजनीती, महत्पूर्ण योगदान दिया। उन के जेसा योगदान किसी और अन्य भारतीय ने नहीं दिया। 1942 आते आते G.D बिड़ला, मील मालिक और उद्योगपति के तोर पर पहचान बना चुके थे। गाँधी जी के विचारो से प्रभावित होकर उन्होने खुबसूरत मंदिर, शिक्षण संसथान और सामाजिक कार्यो में भी योगदान दिया। उन्हें दानशीलता और महात्मा गाँधी से आदर्श संबंधो के लिए भी जाना जाता हे। लेकिन दुर्भाग्य से महात्मा गाँधी की हत्या उनके दिल्ली स्थित आवास पर ही हुई थी।
सामाजिक कार्यो के साथ साथ उन्होंने कभी भी अपने व्यवसायिक हितो को क्षति नहीं पहुचने दी। 1947 के पूर्व वे स्वदेशी उधोग के प्रबल समर्थक थे, उन्होंने भारतीय उधोग और उनके विकास के लिए अनेक कार्य किये। जब विश्व युद्ध के कारण विश्व की अर्थव्यवस्था ख़राब थी तब भी घनश्याम दास बिड़ला ने व्यापक लाभ कमाया।
इस कारण उन्होंने स्वयं को भारत के प्रथम उधोगपति के रूप में स्थापित कर लिया था। उन्ही के प्रयासों से भारतीय उधोगो को ब्रितानी हुकूमत से रियायते प्राप्त हुई। पूंजीवादी जगत को मजबूत करने के लिए उन्होंने राजनितिक ढाचे के साथ परस्पर समझ को भी विकसित करने का कार्य भी किया। घनश्याम दास बिड़ला ने अनेक कार्य किये और वे असिम प्रतिभा के धनी थे। इस लेख में उलेखित विवरण उन के व्यक्तित्व की एक झलक मात्र हे।
घनश्याम दास बिड़ला, आदित्य बिड़ला ग्रुप, बिड़ला ग्रुप के कारोबार।
उनकी कुछ कार्यो का वर्णन इस लेख में किया गया हे, जो इस प्रकार हे। आदित्य बिड़ला ग्रुप एक बहुराष्ट्रीय व्यापारिक संस्था हे। जो 20 से ज्यादा देशो में अपना कारोबार संचालित करता हे। इसका मुख्यालय मुंबई भारत में स्थित हे।
1. धातु कारोबार:- धातु कारोबार में विश्वभर में आदित्य बिड़ला ग्रुप की एलुमिनियम और तांबा उत्पादन की लगत सब से कम आती हे। इस कारण नियुनतम लगत में उत्पादन करने के मामले में हिंडाल्को विश्व की प्रमुख 500 कंपनियों में से एक हे। यह विश्व की सबसे बड़ी एलुमिनियम रोलिंग कंपनी मानी जाती हे। एलुमिनियम के प्राथमिक उत्पादन में इसे एशिया में तीसरा और कॉपर के उत्पादन में इसे चोथा स्थान प्राप्त हे।
2. अन्य कारोबार:- धातु कारोबार के साथ साथ बिड़ला ग्रुप कई वस्तुओ का उत्पादन करता हे और कई सेवाए भी प्रदान करता हे। इन क्षेत्रो में भी समूह का योगदान महत्वपूर्ण हे और उसे अग्रणीय स्थान प्राप्त हे। जेसे बी.पी.ओ. सेवाओ में विश्व में 15 वा और भारत में तीसरा स्थान प्राप्त हे। तथा खाद उत्पादन में भी अग्रणीय भूमिका हे। वस्त्रो के उत्पादन में प्रमुख स्थान प्राप्त हे। तथा यार्न के उत्पादन में भारत में प्रथम स्थान प्राप्त हे। कलोर एल्करी सेक्टर में दूसरा स्थान प्राप्त हे। संपत्ति प्रबंधन के कारोबार में और लाइफ इंसोरेंस के भारत की 5 प्रमुख कंपनियों में से एक हे। तथा भारत की 5 प्रमुख मोबाइल कंपनी में अग्रणीय स्थान हे।
3. सीमेंट कारोबार:- समूह का सीमेंट कारोबार ग्रासिम एवं अल्ट्रा टेक सीमेंट के नाम से संचालित हे। तथा दोनों भारत की अग्रणीय कपनियां हे और सीमेंट कारोबार में भारत में इनका पहला स्थान हे। और क्वालिटी वाइज भी नंबर वन ब्रांड हे। अल्ट्रा टेक सीमेंट को अब समूह में शामिल कर लिया गया हे, पहले यह एल एंड टी दवारा सीमेंट उत्पादन करती थी। सन 2007 में समूह दवारा इसका अधिग्रहण कर लिया गया हे।
4. कार्बन ब्लैक कारोबार:- कार्बन ब्लैक के उत्पादन में समूह विश्व में चोथे स्थान पर हे। इसके उत्पादन के प्लांट भारत चीन थाएलैंड मिस्त्र में हे वही से इसका उत्पादन होता हे। और समूह दवारा विश्व के सभी टायर विक्रेताओ को कार्बन ब्लैक की आपूर्ति की जाती हे।
5. टेलिकॉम कारोबार:- समूह का टेलिकॉम व्यावसाय आईडिया(Idea) सेल्युलर कंपनी दवारा संचालित किया जाता हे। भारत में यह प्रमुख टेलिकॉम ऑपरेटरर्स में से एक हे। इसका प्राम्भिक पूंजी निवेश भारत में किया गया हे, आईडिया सेल्युलर का बाजार में पूंजी निवेश के हिसाब से तीसरा स्थान हे।
ये बिड़ला ग्रुप वर्तमान आदित्य बिड़ला ग्रुप के कुछ प्रमुख कारोबार जो विश्व भर में विभिन्न कपनियो के माध्यम से संचालित किये जाते हे, इन सभी कारोबार के एकीकरण का श्रेय भी घनश्याम दास बिड़ला को जाता हे।
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